Shani Dev Ki Aarti शनिदेव की आरती Shani ki Aarti in hindi


Aarti Shani Dev Ji Ki Shani ki Aarti in hindi



Shani Ji Ki Aarti in hindi, Shani Aarti, Shani Dev, Aarti Collection, Shani Dev Aarti

शनि मंत्र

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥

जय जय श्री शनि देव....

श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥

जय जय श्री शनि देव....

क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥

जय जय श्री शनि देव....

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥

जय जय श्री शनि देव....

देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥

जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।

 

Shani Ji Ki Aarti ka महत्व 

धर्म व न्याय के प्रतीक शनिदेव को ही सुख-संपत्ति, वैभव और मोक्ष देने वाला ग्रह माना जाता है। मान्यता है कि धर्मराज होने की वजह से प्राय: शनि पापी व्यक्तियों के लिए दुख और कष्टकारक होता है, लेकिन ईमानदारों के लिए यह यश, धन, पद और सम्मान का ग्रह है। शनि की दशा आने पर जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं। सच्चे मन से पूजा पाठ और आरती करने से शनि देव भक्तो से प्रसन्न रहते है   


Shani Ji Ki Aarti Karne Ka samay

शनि देव की आरती सुबह एवं संध्या के समय अति फलदायी होती है | जो प्राणी प्रतिदिन सच्चे मन से आरती एवं पूजा पाठ करता है उसकी मनोकामना पूर्ण होती है 


Comments

Popular posts from this blog

शिवजी की आरती: Shiv Ji ki Aarti in Hindi, Om Jai Shiv Omkara